Download ~ Fitoor # by Anurag Pandey ~ eBook PDF Kindle ePub Free
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eBook details
- Title: Fitoor
- Author : Anurag Pandey
- Release Date : January 21, 2020
- Genre: Short Stories,Books,Fiction & Literature,Literary,
- Pages : * pages
- Size : 568 KB
Description
"फितूर" 9 कहानियों का संग्रह है। इसकी प्रत्येक कहानी आपको रोमांच व विस्मय से भर देगी। सभी कहानियाँ मौलिकता से भरपूर व रोचक हैं। इस किताब के लेखक अनुराग पाण्डेय यानी कि मैं, मेरा नाम आपके लिए जाना–पहचाना नहीं होगा। मेरा आपसे अनुरोध है कि केवल इसलिए मेरी किताब को नज़रअंदाज न करें। मेरी किताब को पढ़ें, आलोचना करें, मेरी मदद करें। — अनुराग पाण्डेय
फितूर के अंश...
कुछ देर में गोलियों का असर होने लगता है। उसे ऐसा लगता है जैसे सब तरफ सब कुछ जल रहा हो। धुँआ उठ रहा हो सब तरफ। रह रह कर कुछ अंतराल के लिए जैसे सबकुछ गायब हो जाता था। समय भी, संसार भी और खुद वह भी। सन्यासी साधना करके समाधी की अनुभूति करते हैं और रघुवंश को गोलियां खाकर समाधी का अनुभव हो रहा था...
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अभयारण्य में रिंकी पिंकी को खेलते-खेलते वही रंगीन गोल पत्थर मिल जाता है। दोनो उससे खेलने लगती हैं। हम पत्थर के अंदर जाते हैं तो देखते हैं कि रक्षक और भक्षक की आत्मा आज भी वहाँ कैद है। उन्हे वहाँ से बाहर की दुनिया नजर आ रही है। जैसा कांच से नजर आता है। भक्षक की आँखों में उम्मीद जगती है कि शायद अब उसे इस कैद से मुक्ति मिल जाएगी।
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बुका जॉय से कहता है, - तुम मोंक्स से जूली को रेस्क्यू करना चाहते हो, क्योंकि तुम उससे प्यार करते हो। मैं भी मोंक्स से जूली को छुड़ाना चाहता हूँ, क्योंकि मैं माया से प्यार करता हूँ। मैं जूली को जंगल ले जाकर उसे मारकर सुपरपॉवर हासिल करूँगा। उस सुपरपॉवर की मदद से माया को ज़िन्दा करूँगा। हम दोनो का दूसरा मकसद जस्ट अपोजिट है। मगर हमारा पहला मकसद एक है। जूली को मोंक्स की कैद से छुड़ाना। हम अलग अलग इस मकसद में कामयाब नहीं हो सकते हैं, क्योंकि भूत होने के कारण मेरी अपनी लिमिटेशन्स हैं और इंसान होने की वज़ह से तुम्हारी भी लिमिटेशन्स हैं। लेकिन अगर हम एक हो जाएँ तो हम मोंक्स का सामना कर पाएँगे। जॉय तैयार हो जाता है।
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